फेसबुक से मिली बाबाजी से जुड़ने की प्रेरणा
बाबा नीम करौरी महाराज साक्षात हनुमानजी के अवतार हैं, इसमें कोई सन्देह नहीं है। हनुमानजी का चमत्कारिक व्यक्तित्व बाबा नीब करौरी महाराज के जीवन में पल-पल पर दिखायी देता रहा। भक्त का कल्याण उनकी पहली प्राथमिकता थी। गुस्सा होने पर डांटने व भगा देने के पीछे भी भक्त का कल्याण ही छिपा रहता था।
दिल्ली के रहने वाले बाबाजी के भक्त रमन खत्री बताते हैं कि वो शिरड़ी वाले साईं बाबा के भक्त होने के बावजूद फेसबुक पर भक्तों की पोस्ट पढ़कर वह बाबा नीब करौरी महाराज के प्रति आकर्षित हुए और जहां चाह वहां राह की तर्ज पर लगातार बाबाजी के प्रति उनकी आस्था बढ़ती गयी।
एक बार दिल्ली से वृन्दावन जाते समय समाधि स्थल बाबा नीब करौरी महाराज का बोर्ड दिखा। बांके बिहारी व इस्कान मंदिर में दर्शन करने के बाद वृन्दावन आश्रम व समाधिस्थल पर जाने का सौभाग्य मिला। वहां बाबा जी के बेटे बाबा धर्म नारायण दास जी से मुलाकात हुई और आशीर्वाद भी मिला। खत्री जी बताते हैं कि करीब दो साल पहले उन्हें दिल्ली से कश्मीरी गेट बेला रोड स्थित श्री हनुमान बिड़ला मंदिर की जानकारी हुई और वहां जाना शुरू किया। मंदिर के व्यवस्थापक गोपाल स्वामी से मंदिर की व्यवस्था के बारे में विस्तार से बातचीत हुई और पूज्य बाबा नारायण स्वामी जी से आशीर्वाद लेने की प्रेरणा जगी।
नारायण स्वामीजी से मिलने पर लगा मानो सिद्ध पुरूष के दर्शन हो गये। करीब सौ साल की उम्र में भी उनके चेहरे पर जो चमक है, वह अलौकिक है। इसी बीच वृन्दावन आश्रम में जयपुर (राजस्थान) की साधिका मीनाक्षी वत्स से मुलाकात हो गयी। वह सपरिवार दिल्ली आयीं और मेरे साथ कश्मीरी गेट तथा जौनापुर में स्थित श्री हनुमान मंदिर व बाबा नीब करौरी आश्रम गयीं। महरौली क्षेत्र के बनदेवी मंदिर में बाबा नारायण स्वामीजी से भी उनके परिवार को आशीर्वाद दिलाया।
रमन खत्री ने बताया कि वह अभी तक कैंची धाम नैनीताल नहीं गये हैं लेकिन बाबाजी के कैंची आश्रम जाकर दर्शन की बड़ी लालसा है। वृंदावन धाम में मौनी बाबा के दर्शन यादगार बन गये। बाबा जी के इशारे पर चुप होने वाले मौनी बाबा आश्रम के सारे कार्य पूरी निष्ठा से करते हैं। लेकिन बोलते कभी नहीं। उनका कहना है कि शिरड़ी के साईं बाबा व नीब करौरी महाराज में ही उन्हें सारे देवताओं के दर्शन हो जाते हैं।
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रमन खत्री
दिल्ली