वन्दना
नीब करोरी नाम शुभ, पावन कैंची धाम ।
जन-जन की पीड़ा हरें, बाबा सुबहो-शाम ।।
शिप्रा तट मंदिर सुखद, आश्रम रम्य पुनीत ।
परम अलौकिक धाम यह, सुंदर सरस अतीत ।।
जय गुरुवर जय गुण सदन, जय लोचन अभिराम ।
चरण शरण निज राखिए, बारम्बार प्रणाम ।।
सूक्ष्म देह में आज भी, रहता उनका वास ।
करुणामय हर भक्त की, पूर्ण करें हर आस ।।
देव भूमि की गोद में, तीरथ बना विशेष ।
सच्चे मन से जो गया, कष्ट रहे ना शेष ।।
मेरे भी संकट हरो, चरण झुकाऊं माथ।
शरणागत रक्षा करो, हे अनाथ के नाथ ।।
दृढ़ श्रृद्धा विश्वास से, विपदा मिटे हजार ।
महिमा कैंची धाम की, अगणित अमित अपार ।।
देश-विदेश से यहां, दौड़े आते लोग ।
दिव्य शक्तिमय धाम में, मिटें सकल दुर्योग ।।
एप्पल जैसी हस्तियां, नतमस्तक हैं आज ।।
बाबा के दरबार में, पूरण हों सब काज ।।
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सूर्य प्रकाश दूबे, दिल्ली