अपनी बात

अपनी बात


             इस संसार में जो जैसा करता है, वैसा ही भरता है। यदि आपने किसी की परेशानी में मदद की है तो आपकी दिक्कत में सहायता मिलनी तय है। यहाँ कर्मों के हिसाब से फल का विधान सर्वविदित है। जीवन में सब कुछ ठीक रहे, इसके लिए खुद भी सही राह पकड़नी पड़ती है। मैंने व्यावसायिक पत्रकारिता से ऊब कर तीन साल पहले 'हनुमत कृपा' पत्रिका के जरिये आध्यात्म की जो राह पकड़ी थी, अब उसका असर साफ दिखाई देने लगा है। किसी अच्छे कार्य की शुरुआत के लिए धन व संसाधन से ज्यादा जरूरी होता है ईश्वर पर भरोसा और दृढ़ इच्छाशक्ति। धन व संसाधन की कमी के बावजूद दृढ़ इच्छाशक्ति से ही पत्रिका आगे बढ़ी। हनुमत कृपा पत्रिका के जून, 19 अंक कैंची धाम स्थापना दिवस विशेष ने तो देशभर के बाबा नीब करोरी महाराज के भक्तों में धूम मचा दी। करीब तीन सौ भक्तों को पत्रिका व कैंची धाम का महाप्रसाद भेजा गया। पत्रिका कम पड़ गयीं लेकिन पत्रिका मंगाने वाले भक्त नाम पता भेजते रहे।
             गुरुदेव महाराज के भक्तजनों को पत्रिका का जून अंक इतना पसंद आएगा, उम्मीद नहीं थी। कोरियर व स्पीड पोस्ट से पत्रिका पाने के बाद काफ़ी भक्तों ने मन मर्जी से सहयोग भी किया। पत्रिका हर महीने छपवाकर आप भक्तजनों को भेजनी भी है। यह कार्य पर्याप्त धन व संसाधन के बिना संभव नहीं है। जो भक्तजन पत्रिका पाने के बावजूद अभी तक सहयोग नहीं कर पाएं हैं उनसे अपेक्षा है कि यथाशीघ्र सहयोग कर दें ताकि हर महीने पत्रिका प्रकाशित कराकर सभी भक्तजनों तक भेजी जा सके। इच्छा है कि देश विदेश में रह रहे हनुमान जी व बाबा नीब करोरी महाराज के सभी भक्तों तक हनुमत कृपा पत्रिका रूपी प्रसाद हर महीने जरूर पहुंचे। जीवन के उत्तरार्ध में प्रभु ने मुझे पूरी तरह अपनी सेवा में लगा लिया है। दुनिया में प्रभु सेवा ही सबसे अच्छी लगने लगी है। अब हनुमत कृपा पत्रिका का हर महीने प्रकाशन और अधिक से अधिक भक्तों तक पहुंचाना मानो जीवन का उद्देश्य बन गया हो। सफलता के लिए जुनून बहुत जरूरी है। ज़ब तक किसी कार्य में व्यक्ति पूरी तरह डूबेगा नहीं तब तक वह लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकता। जुनून का ही नतीजा है कि परिजनों व शुभचिंतक मित्रों के सहयोग से शुरू हुई पत्रिका अब आप भक्तजनों की मदद से करीब आधा खर्च खुद उठाने की स्थिति में आ गयी है। पत्रिका के प्रति भक्तों का यही उत्साह व सहयोग बना रहा तो जल्दी ही पत्रिका अपना पूरा खर्च खुद वहन करने लगेगी।
             हनुमत कृपा पत्रिका का जुलाई, 19 अंक गुरु पूर्णिमा विशेष आपके हाथ में है। पढ़कर बतायें कि प्रयास कैसा लगा। पत्रिका को और पठनीय बनाने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव व सलाह भी दें। प्रयास है कि भगवान श्रीराम, हनुमान जी व बाबा नीब करोरी महाराज का हर भक्त पत्रिका से जुड़े. जो जिस तरह से हनुमत कृपा को आगे बढ़ाने में सहयोग कर सकता हो, करे। मेरी व्यक्तिगतकोशिश व मेहनत की सीमा है लेकिन एक-एक करके ज़ब देश भर के हजारों आध्यात्म से जुड़े भक्तजन पत्रिका को आगे बढ़ाने पर विचार व कार्य करेंगे तो वह दिन दूर नहीं ज़ब हर प्रभुप्रेमी न सिर्फ पत्रिका का पाठक बल्कि पारिवारिक सदस्य बन जाएगा।


जय श्रीराम । जय हनुमान । जय गुरुदेव ।