हनुमान जी के साक्षात अवतार थे बाबा


हनुमान जी के साक्षात अवतार थे बाबा                   


               परमपूज्य बाबा नीब करोरी महाराज हनुमान जी के साक्षात अवतार थे जन कल्याण की भावना से हर पीड़ित की मदद करना उनका स्वभाव था। बाबाजी न किसी के शिष्य थे और न किसी को शिष्य बनाते थे। हृदयपरिवर्तन कर भक्त बनाना उनके जीवन का मूलमंत्र रहा। वह अपने लिए जितने कठोर थे दूसरों के लिए उतने ही सरल। बाबाजी ने कभी पंडाल में मंच से प्रवचन नहीं दिया। आम बातचीत में बड़ी से बड़ी बात कह देना उनकी आदत का हिस्सा था। भक्तों से हमेशा यही कहते थे कि मुझसे कुछ मत मांगो, जो मांगना हो हनुमान जी से मांगो। श्रीराम जी से मांगो। यह बात बाबा नीब करोरी के आशीर्वाद से जीवन सफल बनाने वाले लखनऊ निवासी अमर मेहरोत्रा ने बाबा के संस्मरण सुनाते हुए बताई। इनके बड़े भाई सूर्य नारायण मेहरोत्रा गुरुदेव के काफ़ी करीबी थे। उन्होंने बताया कि बाबा जी ज़ब लखनऊ आते थे उन्हीं के घर पर रहते थे। बच्चे होने के नाते बाबा जी का आशीर्वाद तो मिलता ही था आगंतुकों को जलपान कराने की जिम्मेदारी भी हम बच्चों की होती थी। ज़ब बाबा जी घर पर होते थे सुबह से ही भक्तों की भीड़ लग जाती थी। मेहरोत्रा जी ने बताया कि मानस मर्मज्ञ पंडित राम किंकर उपाध्याय व आचार्य श्रीराम शर्मा को बाबा जी से उनके घर आते थे।


                बाबा जी ज़ब फुर्सत में होते थे तो खूब बातें करते थे। पढ़ाई के बारे में पूछते थे और बताते थे कि जीवनमें पढ़ाई का बढ़ा महत्व है। वह अच्छा खाना खाने के शैकीन थे। मेरी माताजी का बनाया खाना बाबा को बहुत अच्छा लगता था।


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अमर मेहरोत्रा


लखनऊ