हनुमान जी ऐसे होते हैं प्रसन्न
पैसों की तंगी से बचने का उपाय
यदि कोई व्यक्ति पैसों की तंगी का सामना कर रहा है तो उसे प्रति मंगलवार और शनिवार को पीपल के 11 पत्तों का यह उपाय अपनाना चाहिए। इसके तहत सप्ताह के प्रति मंगलवार और शनिवार को ब्रह्ममुहूर्त में उठें। इसके बाद नित्यकर्म से निवृत्त होकर किसी पीपल के पेड़ से 11 पत्ते तोड़ लें। ध्यान रखें पत्ते पूरे होने चाहिए, कहीं से टूटे या खंडित नहीं होने चाहिए। इन 11 पत्तों पर स्वच्छ जल में कुमकुम या अष्टगंध या चंदन मिलाकर इससे श्रीराम का नाम लिखें। नाम लिखते समय हनुमान चालीसा का पाठ करें। जब सभी पत्तों पर श्रीराम नाम लिख लें, उसके बाद राम नाम लिखे हुए इन पत्तों की एक माला बनाएं। इस माला को किसी भी हनुमानजी के मंदिर में जाकर वहां बजरंगबली को अर्पित करें। इस प्रकार यह उपाय करते रहें। कुछ समय में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। ध्यान रखें उपाय करने वाला भक्त किसी भी प्रकार के अधार्मिक कार्य न करें। अन्यथा इस उपाय का प्रभाव निष्फल हो जाएगा। उचित लाभ प्राप्त नहीं हो सकेगा। साथ ही अपने कार्य और कर्तव्य के प्रति ईमानदार रहें।
इस मंत्र का करें जाप
ऊँ नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा
हनुमान जी के भक्ति के सबसे उत्तम दिन मंगलवार और शनिवार हैं। इन दो दिनों में की गई हनुमान पूजा विशेष फल देती है। बजरंग बली को प्रसन्न करने के लिए अलग अलग पीठों की अलग अलग मान्यताएं है, परन्तु हम आपको एक चमत्कारी उपाय बता रही हूँ, जो कि सिर्फ मंगलवार और शनिवार को किए जाने चाहिए।
सुबह-सुबह पीपल के कुछ पत्ते तोड़ लें, और उन पत्तों पर चंदन या कुमकुम से श्रीराम नाम लिखें। इसके बाद इन पत्तों की एक माला बनाएं और हनुमानजी को अर्पित करें। फिर पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और सात परिक्रमा करें। इसके बाद पीपल के नीचे बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। अगर आपको कड़ी मेहनत के बाद भी किसी महत्वपूर्ण कार्य में सफलता नहीं मिल पा रही है। तो किसी हनुमान मंदिर जाएं और नींबू का ये उपाय करें। उपाय के अनुसार अपने साथ एक नींबू और चार लौंग लेकर जाएं। इसके बाद मंदिर में हनुमानजी के सामने नींबू के ऊपर चारों लौंग लगा दें। फिर हनुमान चालीसा का पाठ करें या हनुमानजी के मंत्रों का जप करें। मंत्र जप के बाद हनुमानजी से सफलता दिलवाने की प्रार्थना करें और वह नींबू अपने साथ रखकर कार्य करें। मेहनत के साथ ही कार्य में सफलता मिलने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। यदि आपके कार्यों में बार-बार बाधाएं आ रही हैं या धन प्राप्त करने में देरी हो रही है या किसी की बुरी नजर बार-बार लगती है, तो नारियल का यह उपाय करें। उपाय के अनुसार किसी सिद्ध हनुमान मंदिर में जाएं और अपने साथ एक नारियल लेकर जाएं। मंदिर में हनुमानजी की प्रतिमा के सामने नारियल को अपने सिर पर सात बार वार लें। इसके साथ हनुमान चालीसा का जप करते रहें। सिर पर वारने के बाद नारियल हनुमानजी के सामने फोड़ दें। इस उपाय से आपकी सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी।
इस मंत्र का करें जाप
अकस्मादागतोत्पांत नाशयाशु नमोस्तुते..
यदि आप काफी प्रयास और लगन से कार्य करते हैं, फिर भी आपको धन प्राप्ति आपके कार्य के अनुसार नहीं होती तो आप रात के समय दीपक का यह उपाय करें। रात में किसी हनुमान मंदिर जाएं और वहां प्रतिमा के सामने में चौमुखा दीपक लगाएं। चौमुखा दीपक यानी दीपक चार ओर से जलाना है। इसके साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करें। ऐसा प्रतिदिन करेंगे तो बहुत ही जल्द बड़ी-बड़ी परेशानियां भी आसानी से दूर हो जाएंगी। यदि आपके कार्यों में परेशानियां अधिक आ रही हैं और बनते हुए काम भी बिगड़ जाते हैं तो शनिवार को यह उपाय करें। उपाय के अनुसार आप सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठें। स्नान आदि नित्यकर्मों से निवृत्त हो जाएं। इसके बाद घर से एक नींबू अपने साथ लें और किसी चौराहे पर जाएं। अब वहां नींबू के दो बराबर टुकड़ें करें। एक टुकड़े को अपने से आगे की ओर फेंकें और दूसरे टुकड़े को पीछे की ओर। इस समय आपका मुख दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। नींबू के टुकड़े फेंकने के बाद आप अपने काम पर जा सकते हैं या पुनः घर लौटकर आ सकते हैं। हनुमान जी को सिंदूर और तेल अर्पित करें। जिस प्रकार विवाहित स्त्रियां अपने पति या स्वामी की लंबी उम्र के लिए मांग में सिंदूर लगाती हैं, ठीक उसी प्रकार हनुमानजी भी अपने स्वामी श्रीराम के लिए पूरे शरीर पर सिंदूर लगाते हैं। मान्यता के अनुसार जो भी व्यक्ति हनुमानजी को सिंदूर अर्पित करता है उसकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। धर्म के जानकारों के मुताबिक हनुमानजी के मंदिर में एक नारियल पर स्वास्तिक बनाएं और हनुमानजी को अर्पित करें। हनुमान चालीसा का पाठ करें। अपनी श्रद्धा के अनुसार किसी हनुमान मंदिर में बजरंग बली की प्रतिमा पर चोला चढ़वाएं। ऐसा करने पर आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएंगी।
इस मंत्र का करें जाप
ऊँ नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा
नियम - जब भी आप अनुष्ठान करें, मन विचलित न हो, अपने के हृदय में श्री हनुमंत लाल जी महाराज को स्थापित करें। ऐसा उपाय करें कि अनुष्ठान के समय किसी तरह की बाधा आप तक न पहुँचे। अनुष्ठान पूरी लगन और ईमानदारी से पूरी हो। तभी आप का अनुष्ठान सफल होगा और आप को उसका उसका लाभ प्राप्त होगा।
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साध्वी दीदी स्मिता वत्स
मानस प्रवक्ता, श्रीराम कथा वाचिका
श्रीधाम - श्री अयोध्या धाम
मो0- 9451125721