अपनी बात

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बहुत दिनों से मन का काम करने की इच्छा थी लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों की वजह से नहीं कर पा रहा था। कई बार विचार आया कि पत्रकार होने के नाते समाज के लिए कुछ ऐसा किया जाये जिससे नयी व पुरानी पीढ़ी सीधे जुड़े और बेहतर तथा सफल जीवन के लिए नये रास्ते खोले। भागमभाग की जिंदगी में लोगों ने सुख सुविधाएं तो बढ़ा ली लेकिन सुकून गायब होता गया। दिनभर की माथापच्ची व तिकड़म ताल के बाद रात में एयरकंडीशन की ठंडी हवा में भी वह नींद नहीं आती जो गांव में घर के बाहर नीम के पेड़ के नीचे चबूतरे पर आती थी। वेद, पुराण, गीता व रामायण सभी का निचोड़ यही है कि खुली आँखों से दिखाई देने वाली दुनिया में न तो शांति है और न ही आत्मिक सुख। एकांत में प्रभु का ध्यान करने से अंतरात्मा प्रसन्न होती है जो चेहरे पर ख़ुशी के रूप में दिखती है। संसार के माया मोह में फंसे व्यक्ति पर जब प्रभु की कृपा होती है तभी उसका रुझान आध्यात्म की ओर बढ़ता है। आध्यात्मिक मासिक पत्रिका 'हनुमत कृपा' का प्रकाशन इसी सोच का सकारात्मक नतीजा है। बीते मार्च महीने में मित्रों के साथ बाबा नीब करोरी महाराज द्वारा स्थापित कैंची धाम आश्रम, नैनीताल (उत्तराखंड) जाकर भक्तों को पत्रिका वितरित करने की बात मन में आयी। कैंची धाम में पूज्य बाबा जी द्वारा स्थापित हनुमान जी की मूर्ति के सामने बरामदे में बैठकर सुंदर कांड का पाठ कर रहा था तभी मन में आया कि अगली पत्रिका गुरुदेव को समर्पित करना है। बाद में ज़ब गुरुदेव के दर्शन करने मंदिर में लगी बाबा जी की प्रतिमा के सामने हाथ जोड़कर खड़ा हुआ तो लगा कि वह कह रहे हैं 'जा मेरे द्वारा भक्तों से कही बातों के संस्मरण सुनकर पत्रिका बना फिर मेरे पास आ' वहीं आश्रम के सेवादारों ने बताया कि हर साल कैंची में 15 जून को स्थापना दिवस मनाया जाता है जिसमें देश - विदेश के करीब दो लाख बाबा जी के भक्त आकर महाप्रसाद ग्रहण करते हैं।
पत्रिका का जून, 19 अंक 'कैंची धाम स्थापना दिवस विशेष' आश्रम में हनुमान जी के सामने पूज्य गुरुदेव को साक्षी मानकर लिए गये संकल्प का साक्षात स्वरूप है. पत्रिका 15 जून को कैंची धाम में हनुमान जी व बाबा जी को समर्पित करने के बाद भक्तों को वितरित की जाएगी। पत्रिका की प्रतियां सीमित हैं इसलिए आश्रम में सभी भक्तों को पत्रिका मुहैया करा पाना संभव नहीं। जिन भक्तजनों ने अपना नाम पता मेरे पास पहले से ही भेज दिया है उनकी प्रतियां सुरक्षित हैं। कैंची से लौटते ही देशभर में रह रहे उन सभी भक्तों को डाक व कोरियर से पत्रिका भेजने की हर कोशिश की जाएगी। एक बात और, बाबा जी पर 'हनुमत कृपा' का विशेष अंक तैयार करते वक़्त देश के अलग अलग प्रान्त व शहरों के सैकड़ों ऐसे भक्तों से मोबाइल फोन पर बातचीत हुई जो गुरुदेव की कृपा के कायल हैं. उनका विश्वास है कि जीवन में वह जो भी हैं, बाबा जी के आशीर्वाद से ही हैं। इनमें अधिकतर तो साल में कई बार कैंची धाम जाकर गुरुदेव के नजदीक होने की अनुभूति भी करते हैं। देश - विदेश में बाबा जी के भक्तों की तादाद हजारों में है। मन करता है बाबा नीब करोरी महाराज पर हर माह ऐसी पत्रिका प्रकाशित की जाये जिसमें भक्तों से कही बाबा की बातें, संस्मरण व फोटो आदि की प्रमुखता हो। गुरुदेव की जो इच्छा होगी वह चरणों के इस दास से करा ही लेंगे।


जय श्रीराम । जय हनुमान । जय गुरुदेव ।