कैसे बाल मारुती Maruti का नाम हनुमान रख दिया गया?

कैसे बाल मारुती Maruti का नाम हनुमान रख दिया गया?


दोस्तों श्री हनुमान जी की माता अंजनी और केसरी के पुत्र थे। कथा के अनुसार, अंजनी और केसरी को विवाह के बहुत समय बाद तक संतान की प्राप्ति नहीं हुई थी। तब दोनों पति-पत्नी ने मिलकर पवन देव की तपस्या की थी। पवन देव जी के आशीर्वाद से श्री हनुमान जी का जन्म हुआ था। हनुमान जी बचपन से ही बहुत अधिक ताकतवर नटखट और विशाल शरीर वाले थे। हनुमान जी के बचपन का नाम मारुती Maruti था। एक बार Maruti ने सूर्य देवता को फल समझकर उन्हें खाने के लिए सूर्यदेव के आगे बढ़े,और उनके पास पहुंचकर सूर्यदेव को निगलने के लिए अपना मुंह बड़ा कर लिया। इंद्रदेव ने Maruti को ऐसा करते देखा तो इंद्रदेव ने Maruti पर अपने बज्र से प्रहार कर दिया। इंद्र देव का बज्र Maruti की हनु यानी कि ठोड़ी पर लगी। इंद्र देव का बज्र नन्हे Maruti को लगते ही Maruti बेहोश हो गए। यह देख उनके पालक पिता पवनदेव को बहुत ही गुस्सा आ गया। पवन देव अपने पुत्र Maruti की हालत देखकर इतने गुस्से में आ गए कि उन्होंने सारे संसार में पवन का बहना रोक दिया। प्राण वायु के बिना सारे पृथ्वी लोक के वासी त्राहि-त्राहि करने लगे। यह सब देख कर इंद्रदेव ने पवनदेव को तुरंत मनाया। और Maruti को पहले जैसा कर दिया।  सभी देवताओं ने नन्हे Maruti को बहुत सारी शक्तियां प्रदान की। सूर्य देव के तेज अंश प्रदान करने के कारण ही श्री हनुमान जी का बुद्धि संपन्न हुआ। इंद्रदेव का बज्र Maruti के हनु पर लगा था जिसके कारण ही नन्हे Maruti का नाम हनुमान हुआ।