संकट कटवाने के लिए बाबा से अड़ जाते हैं गुरुदेव


संकट कटवाने के लिए बाबा से अड़ जाते हैं गुरुदेव


श्री बालाजी सरकार के अनन्य सेवक श्री राकेश महराज को प्रणाम


कबीर ने कहा था - गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागूं पांय, बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताय।
यह गुरुदेव की ही महिमा है। कृपा है कि बाबा (बालाजी सरकार) के दरबार से जुड़े हर व्यक्ति पर बाबा की कृपा बरस रही है।
साधु-संत और वैरागी को छोड़ दें तो प्रत्येक गृहस्थ किसी न किसी संकट से ग्रस्त है। यह संकट धन का भी हो सकता है और पद का भी। स्वास्थ्य और घर के झगड़ों का भी। शादी और पुत्र का तो नौकरी और व्यापार का भी। बुरी आत्मा का अथवा प्रिय की आत्मा से मिल रही प्रताड़ना का भी। टोने टोटके के शिकार का अथवा मानसिक विकार का... । संकटों का रूप अनेक है जिसे कुछेक शब्दों अथवा पन्नों पर लिखकर पूर्ण नहीं किया जा सकता। इन संकटों का निपटारा करने के लिए ही बालाजी सरकार मेंहदीपुर धाम (राजस्थान) में साक्षात विराजमान हैं। यहां बाबा की कचेहरी चलती है जहां भैरव बाबा, प्रेतराज सरकार, दीवान सरकार, कोतवाल कप्तान, शंकर जी, काली जी, तीन पहाड़ वाले पंचमुखी बालाजी, श्मशान भैरव, समाधि वाले बाबा (गणेश पुरी जी महाराज का समाधि स्थल) और सीताराम दरबार में अलग अलग संकटों का निपटारा होता है।



लेकिन हम अज्ञानता में क्या समझ पाते यदि गुरुदेव का सहारा न मिला होता। संकटों का निवारण तो स्वयं बालाजी सरकार करते हैं किंतु जिस तरह दुनियाबी कचेहरी में वकील ही बताते हैं कि किस अदालत में कौन से मुकदमें की दरख्वास्त लगेगी? क्या कागजात लगेंगे? किस तरह अपने मुकदमे की पैरवी होगी? और मुवक्किल के लिए वकील जज से जिरह कर न्याय दिलाते हैं। उसी तरह गुरुदेव की हम पर असीम कृपा है। हम नासमझ को बाबा का ज्ञान कराकर हमारे संकटों के लिए गुरुदेव बाबा (बालाजी सरकार) से कभी अड़ भी जाते हैं, कभी लड़ भी जाते हैं। गुरुदेव की महिमा है कि बाबा (बालाजी सरकार) की कृपा से हम सब भक्तों का जीवन आनंदमय गुजर रहा है।
 जबकि हनुमत कृपा अपना गुरुपुर्णिमा विशेषांक हनुमान जी के भक्तों को समर्पित कर रहा है तब अभिभूत हो रहा हूँ मैं और बाबा के दरबार से जुड़े मेरे सभी इष्ट मित्र शुभचिंतक अपने गुरुदेव राकेश महराज के आशीष से। बारंबार नतमस्तक हूँ गुरुदेव के चरणों में।
 आमतौर पर एक कहावत खूब कही जाती है घर से बाहर तक-मुद्दई सुस्त, गवाह चुस्त। ऐसी ही विशेषता है गुरुदेव महराज की। हमारे संकटों के निवारण के लिए गुरुदेव सदैव स्वयं चिंतित रहते हैं। बाबा (बालाजी सरकार) के दरबार से जुड़े हम सभी लोगों के संकट का निपटारा कराने में न कभी गुरुदेव को रुकते देखा, न कभी थकते देखा। मेंहदीपुर धाम में तीन पहाड़ स्थित श्मशान भैरव के दरबार में यदि किसी संकटग्रस्त व्यक्ति और उसके परिजन को दूसरी बार हाजिर होने के लिए कहा जाता है तो हम में से ही कई की हिम्मत डोल जाती है। वह भी तब जब राजस्थान में मई और जून की गर्मी पड़ रही हो, परंतु धन्य हैं गुरुदेव जो एक नहीं, दो नहीं, तीन और जरूरत पड़ी तो चार - चार दिन लगातार... 5-6 घंटे अनवरत, एक-एक संकट के बंधनों को कटवाने में इस कदर खो जाते हैं और फिर मध्यरात्रि तक अगले दिन किए जाने वाली पूजा और उपाय बताने में स्वयं को समर्पित रखते हैं यह किसी इंसान के शरीर से तो संभव नहीं...। स्वयं बाबा ही नजर आते हैं गुरुदेव में कभी कभी।
गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णुः, गुरुर्देवो महेश्वरः। 
गुरुःसाक्षात् परब्रह्म, तस्मै श्रीगुरुवै नम :।। 
 बाबा (बालाजी) की गुरुदेव पर कृपा है और गुरुदेव का हाथ हमारे सिर पर। गुरुदेव अपना हाथ ऐसे ही हमारे सिर पर बनाए रखना। जीवन में कभी कोई भूल हो जाए। कोई गलती हो जाए तब भी गुरुदेव उससे आप उबार देना। किसी तरह का कभी कोई अहंकार न आए यह आशीष बनाए रखना। आप ही हैं जो बाबा से जिद कर मेरे ऊपर आने वाले संकटों से मुझे मुक्त कराते हैं। आप के आशीष से ही बालाजी सरकार की कृपा से आह्लादित, आनंदित हूं। आपको बारंबार प्रणाम करता हूं... । 


.......................................
डॉ. सुनील गुप्ता
सेवक-बालाजी सेवा मंडल खागा 
(जनपद फतेहपुर) उ.प्र.। मो.- 9415175050