बदंहु गुरु पद पदुम परागा। सुरूचि सुभास सरिस अनुरागा।।

बदंहु गुरु पद पदुम परागा। सुरूचि सुभास सरिस अनुरागा।।




मानस मर्मज्ञ ब्रह्मलीन पं रामकिंकर उपाध्याय