पनकी का पंचमुखी हनुमान मंदिर

                                           


हजारों साल पुराना है पनकी का पंचमुखी हनुमान मंदिर 


          हजारों वर्ष पुराने पंचमुखी हनुमान मंदिर में हनुमान जी का स्वरूप स्वयंभू देव स्वरूप में है। जो कष्ट सिद्धि नवः निधि के दाता के रूप में प्रख्यात है। महंत की स्मृति के आधार पर सर्वप्रथम 1008 महंत नरसिंह दास उनके बाद शिष्य -1008 भगवानदास महंत पद पर आसीन रहे। महंत भगवानदास के दो शिष्य रहे। पहले गंगादास व दूसरे बल्देव दास। गंगादास के शिष्य रमाकांत दास एवं बल्देव दास के भवनेश्वर दास रहे। वर्तमान में रमाकांत दास बडे महंत के रूप में आसीन है। भुवनेश्वर दास के स्वर्गवासी होने के बाद उनके शिष्य जितेन्द्र दास हुए। महंत रमाकांत दास ने श्रीकृष्ण दास का अपना उत्तराधिकार घोषित किया है।
          उल्लेखनीय बात है कि सरकार ने पनकी मंदिर को धाम के रूप में इस वर्ष घोषित किया है। इससे जनसुविधाएं बढे़गी। स्थानीय रेलवे स्टेशन पर कानपुर नगर के पनकी में स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर एक सिद्धपीठ के रुप में विख्यात है। आस-पास के जनपदों से प्रत्येक मंगलवार एवं शनिवार को दर्शनार्थियों की अपार भीड़ दर्शन आती है। वर्ष में माह दो बार बुढ़वा मेला आयोजित है। माह भादों के अंतिम मंगलवार को होने वाला आयोजन अत्यन्त विशाल और अप्रतिम उत्साह से लबालब दर्शनार्थियों का सैलाब हनुमानजी महाराज के दर्शन के लिए उमड़ता है। भक्तों के इस सैलाब का प्रथम दर्शन का अवसर मुझे विगत भादो माह के आयोजन का मुझे प्राप्त हुआ। भक्तजन सकुशल दर्शन कर अपने गन्तव्य वापस जाए इस निमित बड़ी कुशल प्रशासन/पुलिस व्यवस्था होती है। भादों माह के आयोजन में करीब सात लाख भक्तों ने एक ही दिन अपने प्रभु के दर्शन किए। सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से इस वर्ष हुये आयोजन को सफलतम कहा जा सकता है। किसी प्रकार की घटना भक्तों के साथ नही हुई। कानपुर नगर सहित, आसपास के जनपदों कानपुर देहात, कन्नौज, जालौन, औरेया, झांसी, हमीरपुर म.प्र. व राजस्थान के भी दर्शनार्थी आते हैं।



शेष नारायण पाण्डेय
कानपुर