भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते बजरंगबली

भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते बजरंगबली




        मेरे आराध्य व इष्टदेव श्रीहनुमानजी हैं। मैंने जबसे होश संभाला तबसे उनकी शरण में हूँ। वर्ष 1982 से लगातार मंगलवार का व्रत रह रहा हूँ तथा मंदिर जाकर आराधना करता हूँ। मुझे जीवन में किसी प्रकार का संकट नहीं हुआ। क्योंकि मेरे साथ सदैव संकटमोचन रहते हैं। मेरे एक पुत्र व तीन पुत्रियाँ हैं। दो का शुभ विवाह बिना किसी परेशानी से लखनऊ मेंं ही हुआ है और तीसरी का भी बिना किसी परेशानी के अच्छे परिवार में हो जायेगा, ऐसा विश्वास है। मेरी प्रभु व देवों में आस्था पूजन आनुवांशिक है। मेरे बाबा स्व. राम अद्देबर मिश्र गोण्डा में पूरे जीवन काल तक प्रतिदिन पालथी बनाकर शिवजी का पूजन-अर्चन करते थे। मेरे पिता स्व. रमेश्वर प्रसाद मिश्र कृषक होने के साथ बहुत ही धार्मिक व सामाजिक व्यक्ति थे।
        मैं हमेशा जेब में हनुमानजी की तस्वीर रखता हूँ और उनके ही बल व आशीर्वाद से जीवन में दिन-प्रतिदिन आगे बढ़ते हुए दायित्वों का निर्वहन करता हूँ। हनुमानजी की कृपा हमेशा बरसती है बस उसको लेने के लिए सुपात्र होना चाहिए। कलियुग में हनुमानजी जागृत देव हैं जो अजर-अमर हैं। मेरी आस्था है कि जीवनपर्यन्त हनुमानजी की शरण में रहकर सुख-चैन से सपरिवार जिन्दगी बिताऊँगा। हनुमानजी के लिए कोई कार्य कठिन नहीं होता है। इसीलिए गोस्वामीजी ने रामचरित मानस में लिखा है ‘‘कवन सो काज कठिन जगमाही। जो नहिं होइ तात तुम्ह पाहीं।।’’ मैं भी इसी चौपाई को जपते हुए हमेशा आराध्य को नमन करता हूँ।
        समाज के सभी व्यक्तियों को घर-परिवार समाज व देश-दुनिया के हितों के लिए सदैव सच्चे भाव से हनुमानजी की आराधना करनी चाहिए। हनुमानजी को नमन करने वाले हर भक्त की मनोकामना वह जरूर पूरी करते हैं। ऐसा मेरा विश्वास है।


शिवाराम मिश्र
शिवानी विहार, लखनऊ